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कृषि यंत्रों पर अनुदान

यूपी में कृषि यंत्रों पर 40-50 फीसदी छूट

यूपी में कृषि यंत्रों पर 40-50 फीसदी छूट

उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए शासन ने पोर्टल पर आनलाइन डिमांड मांगी है। आम तौर खेती में प्रयुक्त होने वाली सभी मशीनों पर यह अनुदान दिया जा रहा है। यह अलग बात है कि यह अनुदान आवेदन करने वाले सभी किसानों को दिया जाएगा या फिर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चुनिंदा किसानों को दिया जाएगा। सरकार द्वारा जारी सूचना से तो यही लग रहा है कि सभी आवेदक किसानों को यह लाभ मिल सकेगा। सब मिशन आफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजनान्तर्गत कृषि यंत्रों पर अनुदान की योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए खोली गयी है।

किन यंत्रों पर मिल रही छूट

किन यंत्रों पर मिल रही छूट

हस्त चालित स्प्रेयर, शक्ति चालित स्प्रेयर, एमबी प्लाउू, लेजर लेंड लेबलर, हेरो, कल्टीबेटर, रिजर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, पॉवर आपरेटेड चैफ कटर, स्ट्रारीपर, मिनी राइज मिल, मिनी दाल मिल, मिलेट मिल, आयल मिल विध फिल्टर प्रेस, पैकिंग मशीन, रोटाबेटर, रेज्ड बैड  प्लांटर, पावर टिलर, कम्बाइन हार्बेस्टर सुपर एसएमएस, राइज ट्रान्सप्लानटर एवं योजना के अन्तर्गन अन्य यन्त्रोें पर छूट दी जा रही है।

कितनी मिलेगी छूट

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला किसान, लघु एवं सीमांत किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। अन्य श्रेणी के कृषकों को 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।

किसान को कितनी जमानत राशि जमा करनी होगी

10 हजार रुपए तक के कृषि यंत्रों पर किसानों को कोई भी जमानत राशि जमा नहीं करनी होगी। 10 हजार से अधिक और एक लाख रुपए तक अनुदान वाले यंत्रों पर 2500 रुपए की जमानत राशि जामा करनी होगी। एक लाख से अधिक अनुदान वाले यंत्रों के लिए पांच हजार रुपए जमानत राशि जमा करनी होगी। जमानत राशि का चालान जमा करने के 45 दिन के अन्दर कृषि यंत्र क्रय करके बिल एवं आवश्यक अभिलेख विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इसके अलावा जनपर स्तरीय उप कृषि निदेशक कार्यालय में अपलोड करने हेतु उपलब्ध कराने होंगे। तदनुसान लाभार्थी द्वारा क्रय किए गए यंत्र का सत्यापन होने के बाद डीबीटी के माध्यम से अनुदान राशि लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

किस तरह मिलेगा योजना का लाभ

कृषि विभाग

कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण होना चाहिए। जिन किसानों का पंजीकरण नहीं हुआ है वह अपने जनदीकी ब्लाक स्थित कृषि रक्षा इकाई या फिर जनपद स्तरीय उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं। किसान पंजीकरण कराने के लिए जनसेवा केन्द्रों पर भी संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए किसान का आधार कार्ड, खेत की खतौनी, बैंक की पासबुक की छाया प्रति एवं मोबाइल नंबर होना चाहिए। किसी भी यंत्र को लेने के लिए पोर्टल पर उस यंत्र के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके बाद ओटीपी जारी होगा और इस ओटीपी के आधार पर ही चालना जैनरेट होगा। इस चालान को बैंक में जमा करना पड़ेगा। चालान फार्म में दी गई अवधि के अन्दर जमानत राशि अपनी नजदीकी यूनियन बैंक में जमा करनी होगी। 15 जुलाई तक जनपदवार यंत्रों के लक्ष्यों के अनुरूप टोकन जैनरेट होंगे। इसके बाद एक प्रतीक्षा सूची बनाई जाएगी जिसका उपयोग यंत्र न खरीदने वाले किसानों के एवज में दूसरे प्रतीक्षारत किसानों को योजना का लाभ देने के लिए होगी।

२०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रकिया जारी : डा. कर्मचंद, हरियाणा

२०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रकिया जारी : डा. कर्मचंद, हरियाणा

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि किसानों के लिए 2022-23 स्कीम के तहत अनुदान देने के लिए विभिन्न कृषि यंत्रों पर विभाग के द्वारा आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। कृषि यंत्रों में इच्छुक किसान इस योजना का लाभ लेने के विभागीय पोर्टल पर 27 मई तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

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२०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान के तहत, श्री डॉ कर्म चंद बताया कि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों जैसे- काटन सीड ड्रिल, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रे पंप, डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन, ट्रैक्टर माउंटेड रोटरी वीडर (दो से तीन रो), पावर टीलर (12 एचपी से अधिक), ब्रिक्वेट मेकिग मशीन, रीपर बाइंडर स्वचालित, मेज प्लांटर, मेज थ्रेसर, न्यूमेटिक प्लांटर पर आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। इसमें व्यक्तिगत व सामान्य श्रेणी में अधिकतम 40 प्रतिशत व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे व सीमांत किसान और महिला किसान के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। 

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डा. कर्मचंद ने बताया कि २०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान के लाभ लेने के इच्छुक किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा, जिसके लिए किसान को एक शपथ पत्र व एक स्वयं घोषणा पत्र जमा करवाना होगा। वहीं आनलाइन आवेदन के लिए किसान के नाम जिला में पंजीकृत ट्रैक्टर की वैध आरसी (केवल ट्रैक्टर चालित यंत्रों के लिए) परिवार पहचान पत्र, बैंक खाता तथा आधार कार्ड की आवश्यकता होगी। 

इसके अलावा, एक किसान किसी भी तरह के अधिकतम तीन कृषि यंत्र ही ले सकता है और जिन किसानों ने पिछले पांच वर्षों में इन कृषि यंत्रों पर अनुदान लिया है वे इस स्कीम में उस कृषि यंत्र पर आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे। आनलाइन आवेदन करने के लिए किसान को ढाई लाख से कम कीमत के यंत्रों के लिए 2500 रूपए एवं ढाई लाख या उससे अधिक कीमत के यंत्रों के लिए 5000 रुपये टोकन राशि अलग-अलग आनलाइन ही जमा करवानी होगी, जो कि चयन प्रक्रिया के पश्चात किसान के खाते में वापिस जमा करवा दी जाएगी। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में संपर्क किया जा सकता है।  

हरियाणा राज्य में कृषि सम्बंधित उपकरणों पर मिल रहा ८० % सब्सिडी, समय से करलें आवेदन

हरियाणा राज्य में कृषि सम्बंधित उपकरणों पर मिल रहा ८० % सब्सिडी, समय से करलें आवेदन

आजकल कृषि जगत में कृषि उपकरणों की अहम भूमिका है, आधुनिक कृषि यंत्रों से किसान की मेहनत के साथ साथ उनकी लागत में भी बेहद कमी आयी है। पहले किसान काफी परिश्रम करके फसल को उगाते थे। लेकिन आधुनिक विज्ञान की सहायता से नवीन कृषि उपकरणों की खोज हो रही है, जिससे किसानों के लिए उपयोगी कृषि यंत्रों की उपलब्धता तीव्रता से बढ़ी है। सरकार उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कृषि सम्बंधित उपकरणों पर अनुदान देने की योजना लाती रहती है। इसी सन्दर्भ में फ़िलहाल हरियाणा सरकार किसानों के लिए ८० प्रतिशत तक का अनुदान देने का आह्वान कर चुकी है, जिसमें विभिन्न प्रकार की मशीनें जैसे कि बुवाई, छिड़काव और कटाई से सम्बंधित उपकरण भी शामिल हैं।

हरियाणा सरकार ८० प्रतिशत तक क्यों दे रही है कृषि यंत्रों पर अनुदान ?

किसानों की आर्थिक हालत को देखते हुए सरकार ये भली भांति जानती है कि बहुतायत किसान आधुनिक उपकरणों को खरीदने के लिए सक्षम नहीं है। लेकिन पैदावार में वृद्धि और किसान की लागत में कमी के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों की अत्यंत आवश्यकता है। सरकार किसानों की समस्या को समझते हुए उनके लिए ८० प्रतिशत अनुदान प्रदान करने की इस मुहिम से, किसानों को आर्थिक तंगी से निजात दिलाना चाहती है। साथ ही हरियाणा राज्य को काफी उन्नत राज्य बनाने की राह पर चलना शुरू कर रही है, क्योंकि हरियाणा राज्य में अधिकतर लोग कृषि आश्रित होते हैं, इसलिए कृषि जगत को अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी भी बोला जाता है। किसान की उन्नति से ही राज्य और देश की उन्नती का मार्ग जाता है। [embed]https://www.youtube.com/watch?v=LH7w59jnW-M[/embed]

कौन कौन से कृषि उपकरणों पर मिल रहा है अनुदान ?

हरियाणा राज्य सरकार द्वारा इन कृषि उपकरणों पर मिल रहा है अनुदान जिसमें, रोटावेटर, हे रेक मशीन, मोबाइल श्रेडर, रिप्पर बाइंडर, स्ट्रॉ बेलर, फ़र्टिलाइज़र ब्रॉडकास्टर, ट्रैक्टर ड्राइविंग पाउडर वीडर, लेसर लैंड लेवलर समेत ११ कृषि उपकरण सम्मिलित हैं। हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के लिए कृषि विभाग के माध्यम से वेबसाइट https://agriharyana.gov.in/ पर जानकारी उपलब्ध कराई है, जहाँ किसान भाई आवेदन कर सकते हैं और इसके लिए कृषि केंद्र की सहायता भी ले सकते हैं।

पूर्व में भी पराली के अवशेष से निजात के लिए उपकरण अनुदान देने के लिए मांगे थे आवेदन

हरियाणा राज्य सरकार ने पराली से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए जरूरी कृषि उपकरणों पर अनुदान देने की घोषणा की और आवेदन करने के लिए बोला था, जिससे पराली के अवशेष को नष्ट किया जा सके और दिल्ली समेत अन्य शहरों को भी प्रदुषण की मार से बचाया जा सके।